कोरोना में क्यों महत्वपूर्ण हैं हजमैट सूट

 

 

 

कोरोना इस समय पूरे विश्व में कहर बन कर टूट पड़ा हैं। पूरे विश्व की सरकारें इससे निपटने में नाकाम साबित हो रही हैं। कोरोना को रोकने की लिये सारे देश अपने अपने स्तर पर ना सिर्फ कोरोना को फैलने से रोक रहे हैं बल्कि आगे आने वाले समय में ये कोरोना वायरस इस तरह से फिर से कहर न बरपा पाये इसके लिये भी लगातार वैज्ञानिक खोज कर रहे हैं।

फिलहाल इस समय कोरोना का इलाज कर रहे हैं डाक्टरों के लिये हजमैट सूट वरदान बन कर सामने आया हैं। आईये टोटल समाचार आप को बताता हैं कि क्या होता हैं हजमेट सूट, किस मटेरियल से बनाया जाता हैं हजमैट सूट, डाक्टर कैसे सुरक्षित हैं हजमैट सूट।

क्या होता हैं हजमैट सूट?

सबसे पहले हम आपको बता दे कि ये हजमेट सूट पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेन्ट यानि कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का हिस्सा हैं। जिसे पहन कर डाक्टर्स खतरनाक से खतरनाक वायरस से लड़ने में सुरक्षित रहते हैं। चाहे वो केविड – 19 ही क्यों न हो। कोविड 19 के मरिजों का इलाज कर रहे डाक्टर पीपीई पहन कर इलाज कर रहे हैं। पीपीई में हजमैट सूट के साथ साथ गागल्स, मास्क, हेलमेट भी शामिल होता हैं। हजमैट सूट को बाड़ी कवर आल्स भी कहते हैं।

हजमैट सूट के बारे में डाक्टर आशिष तिवारी से जब टोटल समाचार की टीम ने बात कि तो डाक्टर आशिष तिवारी ने हमें बताया कि हजमेट सूट डाक्टर के लिये उतना ही जरूरी हैं जितना कि हर इन्सान के आक्सिजन। डाक्टर के पास हर तरिके के मरिज आते हैं और डाक्टर बिना भेद भाव का उनका इलाज करते हैं लेकिन इन सब के बीच उन्हे अपना भी ध्यान रखना होता हैं। किसी भी डाक्टर के पास जब कोई गम्भीर मरिज जाता हैं उसके इलाज के दौरान डाक्टर ये हजमेट सूट पहनते हैं। ताकि डाक्टर को मरीजों से कोई इन्फेक्सन न हो सके। डाक्टर के साथ साथ पैरामेडीकल स्टाफ, नर्स, लैब टैक्निशियन को भी पहनना जरूरी होता हैं। जब भी कोई मरिज आई सी यू या फिर वेटींलेटर में डाला जाता हैं या फिर कोविड 19 जैसे खतरनाक वायरस ग्रसित मरिजो का इलाज के दौरान डाक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमण से यही हजमैट सुरक्षित करता हैं।

 

कैसे बनते हैं ये सूट?

ये सूट प्लास्टिक, फैब्रिक और रबर से बने होते हैं. वॉटर प्रूफ होते हैं. डॉक्टर आशिष तिवारी ने बताया कि हज़मैट सूट पूरी बॉडी को कवर करता है। पैर से लेकर सिर तक। आंखों के लिए स्पेशल गॉगल्स मिलते हैं, जो आंखों को कवर करते हैं। चश्मा भी अगर पहना हो, तो चश्मे के ऊपर भी उस गॉगल को पहन सकते हैं. मास्क होता है। दस्ताने होते हैं। इस सूट का इस्तेमाल एक ही बार हो सकता है. इसे धोकर दोबारा नहीं पहना जा सकता.

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