अमरदीप सिंह, संवाददाता, गुजरात

 

गुजरात मे कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच सूरत पुलिस द्वारा रेमेडीसीवीर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करने के आरोप में गिरफ्तार दो डॉक्टरों को सशर्त जमानत देते हुए सूरत जिला सत्र न्यायलय ने अनोखा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दोनों आरोपी डॉक्टरों को जेल भेजने के बजाय 15 दिनों तक कोविड अस्पताल में मरीजों का इलाज करने सशर्त जमानत दी है।

सूरत पुलिस की प्रिवेन्टिव ऑफ क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े ये लोग है जीवनरक्षक रेमेडीसीवीर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामले की तफ्तीश हुई तो पता चला कि इस कालाबाज़ारी करनेवाली गैंग में दो डॉक्टर भी शामिल है। पीसीबी टीम ने मामले में डॉ शाहिल गोधारी और डॉ हितेश डाभी को भी गिरफ्तार कर सूरत जिला न्यायालय के 10 सीजेएम कोर्ट में न्यायाधीश आर ए अग्रवाल की अदालत में पेश किया। पेशी के दौरान कालाबाज़ारी के आरोप गिरफ्तार अन्य चार लोगों की जमानत अर्जी रद्द कर दी गयी।

जबकि अदालत ने आरोपी दोनों डॉक्टरों को 15 हजार के बांड पर सशर्त जमानत देते हुए उन्हें 15 दिनों सूरत सिविल के कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करने आदेश दिया। कोर्ट के आदेश ले बाद शुक्रवार को दोनों डॉक्टर न्यू सिविल अस्पताल के कोविड हॉस्पिटल ड्यूटी देने पहुंचे तो मामले को लेकर अपनी सफाई दी साथ ही कोर्ट के 15 दिन के सेवा के आदेश का पालन करने के साथ आवश्यकता पड़ी तो वो महीने भर भी कोविड मरीजों की सेवा करने की बात कही।

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