डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल पर्यावरण व प्रकृति संरक्षण के प्रति सजग रहती है। उनकी स्वयं भी इन कार्यो में रुचि है,साथ ही वह विशेष रूप में बच्चों व युवाओं को प्रकृति संवर्धन व संरक्षण की प्रेरणा देती है। राजभवन में भी उन्होंने इसके दृष्टिगत अनेक कार्य किये है। उत्तर प्रदेश में इस समय वैसे भी पौधरोपण को अभियान के रूप में संचालित किया जा रहा है। ऐसे में राज्यपाल ने उपयोगी सुझाव दिए है।
उन्होंने अटारी कृषि प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया। ऊसर भूमि को उपचारित करने के निर्देश दिए। कृषि निदेशक से कहा कि को ढाई सौ एकड़ की ऊसर भूमि पर लगे बबूल के पेड़ वाले भू भाग पर कृषि विशेषज्ञों की टीम से सर्वे करे। ऊसर भूमि को उपचारित कर कृषि योग्य बनाया जाये। इस कार्य को दो साल के अन्दर पूरा किया जाए। उत्तर प्रदेश वन निगम बबूल के पेड़ों की नीलामी करायेगा। जिससे होने वाली आय को सैनिक पुनर्वास निधि में जमा किया जाये। उन्होंने निधि की आय अन्य स्रोतों से बढ़ाने की सम्भावनाओं पर विचार करने को कहा। यहां के नलकूपों पर भी उन्होंने ध्यान दिया। कहा कि इनको सौर ऊर्जा से संचालित करने के प्रयास करने चाहिए। इसके लिए वैकल्पिक ऊर्जा संस्थान से सहयोग प्राप्त करने के भी निर्देश दिये।
आनंदीबेन पटेल ने आज उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निधि के करीब साढ़े तेरह सौ एकड़ क्षेत्र में फैले कृषि प्रक्षेत्र अटारी, माल का निरीक्षण किया। इस प्रक्षेत्र की कृषि भूमि पर पचहत्तर एकड़ क्षेत्र में कृषि कार्य जिसमें धान,गेहूं,सरसो, मसूर आदि की खेती होती है। साढ़े इकसठ एकड़ में बागवानी तथा साढ़े ग्यारह सौ एकड़ ऊसर युक्त भूमि पर वन क्षेत्र विलायती बबूल लगे है। यहां पर सिंचाई के लिए सात नलकूल हैं जिसमें एक नलकूप सौर ऊर्जा से संचालित है। राज्यपाल ने इसी के दृष्टिगत उधार के निर्देश दिए थे। राज्यपाल ने मलिहाबाद में आम उत्पादक पद्मश्री कलीम उल्लाह की अब्दुल्लाह नर्सरी का भी भ्रमण किया। यहां आम का पौधा रोपित किया।