कोरोना ने लील रही पन्ना टाईगर रिजर्व के गाईड़ो की जिन्दगी

 

 

 

कोरोना जिस तरह से लगातार अपना पांव पूरे देश में फैलाता जा रहा हैं। उससे सबसे ज्यादा दिक्कत गरीबों और रोज कमाने खाने वालों को हो रही हैं। मध्य प्रदेश में भी कुछ ऐसा ही हालात हैं। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के टाईगर रिजर्व के लगभग 80 गाईड भूखमरी के कगार पर खड़े हुए हैं। आईये हम आपको बताते हैं गाईडों की दर्द भरी दास्तान।

मध्य प्रदेश के पन्ना के टाईगर रिजर्व में आने वाले टूरिस्ट को यहां के स्थानिय गाईड घुमाते हैं। इसके बदले उनकों जो भी कमाई होती हैं उससे उनके पूरे परिवार का खर्चा चलता हैं। लेकिन अब हालात नही हैं। क्यों कि कोरोना की वजह से पन्ना टाईगर रिजर्व बन्द पड़ा हैं। यहां आने जाने वाले टूरिस्ट भी लाकडाउन की वजह से अपने घऱों में कैद हैं। जिसका सीधा असर यहां के स्थानीय गाईडों के ऊपर पड़ रहा हैं।

अक्टूबर से जून तक ये टाईगर रिजर्व यहां आने वाले टूरिस्टों से गुलजार रहता हैं। और जबकि जुलाई से सितम्बर तक बरसात की वजह से बन्द रहता हैं। अक्टूबर से जून तक में होने वाली कमाई से इन गाईड़ों का पूरे वर्ष का खर्चा चलता हैं।

लेकिन इस बार मार्च में ही कोरोना की वजह से ये टाईगर रिजर्व अपने टाईम से पहले ही बन्द हैं। यही वजह हैं कि यहां के स्थानिय गाईडों के कमाई का एक मात्र जरिया भी बन्द हो गया हैं। जिससे के ये गाईड भूखमरी के कगार पर आ खडे हुए हैं। इनके सामने अभी जो दिक्कत हैं उसके साथ साथ इन सभी को अपने आने वाले समय की भी चिन्ता सताने लगी हैं। यहां के स्थानिय गाईड़ों का कहना हैं कि यहां पर उन्हे सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा नही दी जा रही हैं। मध्य सरकार के साथ साथ पन्ना प्रशासन भी अपनी आखें मुदें बैठा हैं

ऐसे में पन्ना के टाईगर रिजर्व के लगभग 80 परिवारों पर इस संकट के बादल मण्डरा रहे हैं। इनके सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या हैं आखिर कैसे और कब तक ऐसे जीयेगें। पन्ना टाईगर रिजर्व के ये टूरीस्ट गाईड़ हाथ जोड़ कर मध्य प्रदेश और प्रशासन से भीख मांग रहे हैं। लेकिन अब तक इनकी सुध लेने वाला कोई नही हैं। मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार भले ही बड़े बड़े वादे कर रही हो लेकिन वादों की हकिकत तो इन गाईड़ों की दास्तां अपने आप बयां कर रही हैं।

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