सत्यम ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात…

गुजरात एटीएस ने राज्य में सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तीनों लोग झारखंड के रहने वाले हैं. गुजरात एटीएस का आरोप है कि ये तीन गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों में लोगों को सरकार के खिलाफ बरगला रहे थे।

गुजरात एटीएस ने झारखंड में वांटेड तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है जिनमे एक महिला भी शामिल है।  इनमें झारखंड के खुंटी जिले के दो लोग शामिल हैं जो गुजरात में पत्थलगड़ी आंदोलन शुरू करने के लिए आए थे। गिरफ्तार किये गये लोगों में सामू ओरैया, बिरसा ओरैया और बबीता कच्छप शामिल हैं। ये तीनों खूंटी जिले के मुरहू के रहने वाले हैं। मिली जानकारी के लिए ये तीनों गुजरात में आदिवासियों को राज्य सरकार के खिलाफ उकसाने की कोशिश कर रहे थे। इसी मामले को लेकर तीनों नक्सलियों को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार किया है। इन तीनो को गुजरात के दाहोद व व्‍यारा से गिरफ्तार किया है। वे पिछले चार माह से स्‍थानीय फैक्ट्रियों में काम करके गुजारा करते तथा गुजरात सरकार के खिलाफ स्‍थानीय लोगों को भड़काने का काम करते थे।पुलिस ने बताया कि ये तीनों अपनी असली पहचान छिपाकर यहां स्‍थानीय फैक्ट्रियों में काम करते थे। पुलिस ने हालांकि इनके पास से कोई हथियार बरामद नहीं किया लेकिन लेपटॉप व मोबाइल तथा कुछ सरकार विरोधी प्रचार सामग्री बरामद की है।

 

उल्लेखनीय है कि झारखंड के खूंटी जिले के गांवों में पत्थलगड़ी आंदोलन ने चार साल पहले गति पकड़ी थी। पत्थलगड़ी शब्द एक कब्र पर पत्थर रखने के आदिवासी रिवाज से शुरू हुआ है। इस प्रथा को ध्यान में रखते हुए झारखंड में आदिवासी समुदाय के लोग बड़े पत्थरों पर संदेश देते हैं, जिसे पत्थलगड़ी के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब वे इस रिवाज को हिंसक और अवैध रूप से अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

गुजरात एटीएस ने पूर्व सूचना के आधार पर शुक्रवार देर रात ऑपरेशन किया । एटीएस दाहोद के प्रभारी एसएसपी दीपेन भादरण ने बताया कि समु ओराया तथा उसके भाई बिरसा ओराया को पुलिस ने व्‍यारा से गिरफ्तार किया है जबकि बदिया काताचप दाहोद में महिसागर के पास से गिरफ्तार किया है। वर्ष 2016 में झारखंड के नक्‍सली आंदोलन पत्‍थलगढी में ये तीनों शामिल थे तथा अपहरण व हत्‍या जैसे मामलों में ये वांछित भी हैं , पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121-ए, 124-ए, 153-ए तथा 120-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

पुलिस को आशंका है कि गुजरात में नक्‍सली आंदोलन से जुड़े और भी लोग गुजरात में छिपे हो सकते हैं। पुलिस इन तीनों के मोबाइल व लेपटॉप के डेटा को खंगाल रही है तथा गुजरात में तथा इससे बाहर इनके संपर्क में जो लोग हैं उनकी छानबीन की जा रही है। पुलिस का आरोप है कि गुजरात के आदिवासी समुदाय को सरकार के खिलाफ भड़काना उनकी मुख्‍य योजना थी

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