सत्यम ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात.

गुजरात। अनलॉक के साथ साथ अब धीरे धीरे गाडी को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए श्रमिकों को विमान से भी वापस लाया जा रहा है। अहमदाबाद के सैकड़ो मजदूरों को मेट्रो ट्रैन के टनल मार्ग का काम पूरा करने के लिए विमान से लाया जा रहा है।

कोरोना महामारी के बीच ओडिशा के 100 मज़दूरों को हवाई जहाज़ से अहमदाबाद लाया गया है. पहले चरण में विमान से लाये इन मजदूरों के काम पर लगने के बाद अब दूसरे चरण में फिर १०० मजदूरों को विमान से लाया जा रहा है , इन मज़दूरों को अहमदाबाद में मेट्रो रेल के अधूरे काम को पूरा करने के लिए लाया गया है. अहमदाबाद के मेट्रो प्रोजेक्ट का जो हिस्सा बच्चा है वो अंडरग्राउंड और सबसे ख़र्चीला है. जो पिछले साढ़े ३ महीने से बंद पड़ा था जो इन मजदूरों के आने के बाद एक बार फिर शुरू हो गया है ,

ये 100 मज़दूर उन 300 मज़दूरों में शामिल हैं जो सुरंग बनाने में माहिर हैं. लेकिन ये सभी प्रवासी मज़दूर हैं और देश के अलग अलग राज्यों से हैं. फ़िलहाल पहला बैच ओडिशा से लाया गया है जिनका कोरन्टाइन पीरियड पूरा होने के बाद अब वो सभी मजदुर टनल के काम पर लग गए है  जानकारी के अनुसार इस मेट्रो प्रोजेक्ट में ओडिशा के ही कम से कम 250 मज़दूर काम कर रहे थे. लेकिन लॉक डाउन के बाद 5-7 मज़दूरों को छोड़ कर बाकी सभी मज़दूर अपने अपने घर लौट गए थे. ओडिशा में जो मज़दूर लॉक डाउन की वजह से अपने घर लौट आए थे उनमें से लगभग 29 प्रतिशत मज़दूर गुजरात से लौटे थे. इन मज़दूरों को हवाई जहाज़ से वापस लाया जा रहा है।

जो मज़दूर वापस अहमदाबाद लौटे हैं उनमें से ज़्यादातर का कहना है कि घर लौटने के बाद उनके पास कोई काम नहीं था और वापस लौटने के अलावा उनके पास कोई विकल्प बचा नहीं था. अहमदाबाद का यह मैट्रो रेल प्रोजेक्ट अप्रैल में ही पूरा होना था, लेकिन लॉक डाउन की वजह से इसमें देरी हो गई है. लॉक डाउन के बाद प्रवासी मज़दूरों ने अपने घर जाने के लिए कई बार गुजरात के अलग अलग शहरों में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया था. ये मज़दूर सरकार से उनके घर जाने का इंतज़ाम करने कह रहे थे. इन प्रदर्शनों के दौरान मज़दूरों पर कई बार पुलिस ने लाठी भी बरसाई थी

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