कोरोना के बीच अमेरिका, यूरोप में बच्चों में नई बीमारी की दस्तक

 डॉक्टरों को इस बीमारी के कोरोना से जुड़े होने की आशंका

 

  • इसके लक्षणों को बच्चों में पाई जाने वाली एक दुर्लभ बीमारी कावासाकी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बीमारी में ब्लड वेसल्स में सूजन आ रही है, खासकर कोरोनरी आर्ट्रीज में

न्यूयॉर्क। पूरा यूरोप और अमेरिका कोरोना की बीमारी से उबरने का अभी रास्ता तलाश ही रहा है कि इस बीच बच्चों में एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। कोई एक दर्जन बच्चे इस बीमारी से पीड़ित मिले हैं। इस बीमारी से बच्चों की पूरी शरीर मे लाल रंग के चकत्ते निकल रहे हैं। बच्चे शॉक में हैं और डॉक्टर परेशान। डॉक्टर इस बात से परेशान हैं कि कहीं यह बीमारी कोरोना का ही बदला रूप तो नहीं है।

कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से बच्चों में बड़ों की तरह सांस संबंधी परेशानी नहीं देखी गई थी। लेकिन बीते कुछ हफ्तों में न्यूयॉर्क सिटी, लॉन्ग आईलैंड और दूसरे हॉटस्पॉट इलाकों में बच्चों में अलग तरह का सिंड्रोम देखा जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि बच्चों को उम्मीद से ज्यादा खतरा हो सकता है। इसके लक्षणों को बच्चों में पाई जाने वाली एक दुर्लभ बीमारी कावासाकी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बीमारी में ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है, खासकर कोरोनरी आर्ट्रीज में।

बीते दो दिन में कोहेन चिल्ड्रन्स मेडिकिल सेंटर में पांच गंभीर रूप से बीमार मरीज भर्ती किए गए हैं। इन सभी की उम्र 4 से 12 के बीच थी। इन मरीजों में एक असामान्य बीमारी देखी गई, जो कहीं न कहीं कोरोना से होने वाली बीमारी कोविड 19 से जुड़ी थी। ऐसी ही बीमारी से ग्रस्त और लाल जीभ और बड़ी हुई कोरोना आर्ट्रीज से जूझ रहे कुल 25 बच्चे भर्ती कराए गए हैं। अमेरिका में बच्चों में यह नया सिंड्रोम नजर आ रहा है, जो पहले यूरोप में पिछले महीने पाया गया था। हालांकि इस बीमारी से अब तक किसी मौत की जानकारी नहीं है।

जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं डॉक्टर्स

अमेरिका में इस बीमारी से कुल मरीजों का आंकड़ा सामने नहीं आया है। डॉक्टर्स इसे पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम बता रहे हैं। कोहेन चिल्ड्रन्स मेडिकिल सेंटर के डॉक्टर जेम्स श्नाइडर ने एक इंटरव्यू में बताया कि यह बीमारी दो हफ्तों से साफ है, इसलिए हम इसे जानने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि डॉक्टर्स को नहीं लगता कि, यह हालत फेफड़ों पर असर करने वाले वायरस से आई है।

कुछ बच्चों को वेंटिलेटर्स पर रखना पड़ा है

इस बीमारी से जूझ रहे कुछ बच्चों में सांस से जुड़ी परेशानी सामने आई और उन्हें वेंटिलेटर्स पर रखा गया है। 10 से 20 बच्चों का इलाज कर चुके कोलंबिया विश्वविद्यालय और न्यूयॉर्क-प्रेस्बिटेरियन मॉर्गन स्टेनली चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की डॉक्टर स्टीवन कर्नी ने बताया कि ऐसा नहीं लगता कि यह केवल फेफड़ों की बीमारी है। यह कोरोनावायरस संबंधी परेशानी और कावासाकी बीमारी में फर्क पता करना जरूरी था।

क्या है कावासाकी बीमारी ?

6 महीने से लेकर 6 साल तक के लोगों पर असर करने वाली कावासाकी डिसीज को अमेरिका में दुर्लभ माना जाता है। इसकी शुरुआत बुखार और चकत्तों से होती है, लेकिन अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर ह्रदय समस्या बन सकती है।

शॉक, कावासाकी बीमारी की एक असामान्य परेशानी है। डॉक्टर कर्नी ने बताया कि हाल ही में आए कोरोना वायरस के मामलों के बाद कई बच्चे लो ब्ल्ड प्रेशर के साथ शॉक में हैं। उनके खून में शरीर के दूसरे हिस्सों तक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने में असमर्थता देखी जा रही है।

शुरुआती रिसर्च बताती है कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में कोविड 19 से गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना बेहद कम है। सिटी डाटा के मुताबिक न्यूयॉर्क सिटी में अब कोविड से हुईं 13724 मौत में 17 से कम उम्र के केवल 6 लोग शामिल थे।

हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि, यह सच है स्वस्थ्य बच्चे इस नए सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं, लेकिन अभी भी व्यस्कों की तुलना में बच्चे कोविड 19 के खतरे से दूर हैं।

एनवाईयू लैंगोन मेडिकल सेंटर में डॉक्टर जेनिफर लाइटर बताती हैं कि यह बहुत ज्यादा दुर्लभ और काफी हद तक बच्चे बेहतर कर रहे हैं। डॉक्टर लाइटर नए सिंड्रोम से जूझ रहे एक मरीज का इलाज कर चुकी हैं। मेरा मरीज घर पर है और ठीक है।

ब्रॉन्क्स की डॉक्टर नदीन शोआइटर के मुताबिक अब तक हमने 13 मरीजों को देखा है। फिर भी डॉक्टर यह पता लगाने में संकोच कर रहे हैं कि यह शहर में कितनी फैल चुकी है।

केस स्टडी क्या कहती हैं-

केस 1


डॉक्टर्स को लग रहा है कि 8 साल के जेडन हार्डोवॉर इस सिंड्रोम से जूझ रहे थे। उनके पिता रौप हार्डोवॉर ने बताया कि शुरुआत में 23 अप्रैल को जेडन को केवल हल्का बुखार था, लेकिन कुछ दिन बाद वो कमजोर होने लगा। 29 अप्रैल को वो अपने बिस्तर में टीवी देख रहा था और अचानक रोने लगा।  सांस रुकने से पहले उसका चेहरा नीला पड़ने लगा। कोहेन हॉस्पिटल में जेडन को वेंटिलेटर पर रखा गया और तीन दिन बाद उसकी हालत में कुछ सुधार हुआ। जेडन का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया, लेकिन उसमें एंटीबॉडीज पाई गईं।

केस 2


कोविंगटन, लॉस एंजेलिस में रहने वाली 12 साल की जूलियट डेली को 3 अप्रैल को पेट में तेज दर्द हुआ और हिलने में भी परेशानी हो रही थी। एक इंटरव्यू में जूलियट ने बताया कि मैंने एक घंटे तक बिस्तर से उठने की कोशिश की और सीढ़िया उतरने में आधे घंटे का वक्त लगाया। वीकेंड तक बुखार था, वे बार-बार उल्टी होने के कारण खाना-पीना नहीं कर पा रही थीं। सोमवार तक उनके हाथ ठंडे पड़ चुके थे और होंठ नीले हो गए थे। पिता सीन डेली ने बताया कि वो इतनी सुस्त हो गई थी कि नहाते वक्त सो गई।

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