डॉ दिलीप अग्निहोत्री

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अजातशत्रु थे। इसका कारण यह था कि उन्होंने सदैव सिद्धान्तों को महत्व दिया। किसी के प्रति उनका व्यक्तिगत रागद्वेष नहीं था। विपक्ष और सत्ता धर्म दोनों का उन्होंने बखूबी निर्वाह किया। वह कांग्रेस पार्टी की जम कर आलोचना करते थे,लेकिन जब पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया तो वह कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के साथ खड़े हुए। आज के नेताओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी मेमरियल में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। इससे मोदी ने ट्वीट कर भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। कहा कि देश के विकास में आपके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने साथ में एक ऑडियो विजुअल संदेश भी शेयर किया है।

इस संदेश की शुरुआत वाजपेयी की मशहूर कविता- हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा से शुरू होती है। इसी क्रम में नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अटल जी के योगदान को देश कभी नहीं भुला पाएगा। भारत को उन्होंने परमाणु शक्ति बनाया। एक नेता के रूप में,सांसद के रूप में, मंत्री के रूप में और प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी हमेशा सभी के लिए आदर्श रहे है उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट कर कहा,’मैं अपनी पीढ़ी के महान वक्ता,अजातशत्रु’ उदार लोकतांत्रिक मूल्यों के वाहक,राष्ट्रवादी कवि, कुशल प्रशासक और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्र ने पहली बार सुशासन को देशभर में क्रियान्वित होते देखा। उन्होंने कहा कि अटल जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में देश ने पहली बार सुशासन को चरितार्थ होते देखा। जहां एक ओर उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना जैसे विकासशील कार्य किए, वहीं दूसरी ओर पोखरण परीक्षण एवं करगिल विजय से मजबूत भारत की नींव रखी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के विकास एवं लोगों के लिए वाजपेयी का अतुलनीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा और देश के लिए उनकी दूरदृष्टि आगामी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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