आजमगढ़ मंडल की 21 विधानसभा सीटों के लिए जनसभा को पहुंची बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश को उनके घर में ही जबरदस्त चुनौती दी। खचाखच भीड़ के बीच मायावती ने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी अब हम मठ वापस जाएंगे और यहां पर मौजूद लाखों की भीड़ यह बता रही है कि पूर्वांचल में बीएसपी ही नंबर वन रहेगी और बहन जी पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगी। उन्होंने अखिलेश यादव पर खास तौर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में बीएसपी के गठबंधन के बल पर यहां से सांसद बन गए थे लेकिन इसके बाद नजर नहीं आए। अब चुनाव के दौरान भी वह आजमगढ़ मंडल की बजाय वाराणसी मंडल में भटक रहे हैं। आजमगढ़ से चुनाव ना लड़कर वह करहल में चुनाव लड़ने चले गए और वहां भी अपने पिता को लेकर चुनाव प्रचार करते रहे। वहीं सपा की बसपा को बी टीम बताए जाने का आरोप पर उन्होंने जवाब दिया कि सपा ही बीजेपी की बी टीम है। सपा के लोग जहां विधानसभा सीट में वह कमजोर है वहां पर प्रचार कर रहे हैं कि बीएसपी को वोट ना कर भाजपा को ही वोट करें जिससे बीएसपी सत्ता में ना आने पाए। इस प्रकार समाजवादी पार्टी के लोग ही भाजपा से मिले हुए हैं। उनका इतिहास भी रहा है जिस प्रकार से मुलायम सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद दिया था जिस प्रकार से अखिलेश यादव ने कल्याण सिंह को गले लगाया था और 2003 में उनको मुख्यमंत्री पद से हटाकर भाजपा के सहयोग से सरकार बनाई थी तो सपा का यह इतिहास रहा है। वहीं कांग्रेस पर भी उन्होंने निशाना साधा की खुद को दलित उत्पीड़न के मामले में मसीहा बताने वाली कांग्रेस की यूपी प्रभारी केवल फोटो खिंचवाती हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, उसी प्रकार से बसपा की वह खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सोनिया गांधी कहीं दलित उत्पीड़न के मामले में नहीं जाती बल्कि और लोग जाते हैं उसी प्रकार बसपा में भी यूपी में तमाम प्रभारियों को तैयार किया गया है जो इस तरह के मामले में मौके पर जाते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि कर्मचारी आए दिन हड़ताल करते रहते हैं इस बार सत्ता में आने पर वह एक आयोग का गठन करेंगी और पुरानी पेंशन को लागू करेंगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बीएसपी और विरोधी पार्टियों की तरह हवा हवाई घोषणा पत्र जारी नहीं करती हैं बल्कि काम करने में विश्वास रखती है कहने में नहीं। उन्होंने कहा कि बीएसपी के विकास कार्यों को ही विरोधी पार्टियां नाम बदलकर अपना बता रही हैं। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि सत्ता पर आने पर अराजक तत्वों को जेल में रखेंगे और कानून व्यवस्था पिछली सरकार की तरह ही मजबूत रहेगी।