डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रेसिडेंशियल ट्रेन से लखनऊ के चारबाग स्टेशन पहुंचे थे। रेल मंत्रालय ने उनकी ट्रेन यात्रा के शुभारंभ में ही उत्साह दिखाया था। कहा गया कि इस यात्रा से रेलवे के प्रति जनता का विश्वास बढ़ेगा। दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उनका स्वागत किया था। उनको रेल यात्रा करते हुए महात्मा गांधी का चित्र भेंट किया था। लखनऊ राजभवन में राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने देश के प्रथम नागरिक व प्रथम महिला नागरिक का अभिनन्दन किया। इसके पहले चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति ने विजिटर बुक में अपना संदेश अंकित किया। उन्होंने लिखा कि हिमालय की दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर कन्याकुमारी के समुद्र तट तक और पूर्वोत्तर भारत की हरी भरी धरती से लेकर गुजरात के पश्चिमी मरूस्थलों तक सरल और सुगम यातायात प्रदान करने वाली भारतीय रेल को मेरी शुभकामनाएं। लम्बे समय बाद,दिल्ली से कानपुर होते हुए लखनऊ तक की सुखद और मनोरम रेल यात्रा से मैं और मेरा परिवार अत्यन्त प्रभावित है। इस स्मरणीय यात्रा में मुझे रूरा एवं झीझक में अपने पुराने मित्रों एवं सगे संबंधियों से मिलने का सुखद अनुभव प्राप्त हुआ। मेरा यह पूर्ण विश्वास है कि प्रतिदिन करोड़ों भारतीयों की प्रिय परिवहन सेवा के रूप में भारतीय रेल विश्व भर की रेल सेवाओं में अग्रणी स्थान बनाये रखेगी। भारतीय रेल की सेवा में सक्रिय पूरी टीम को मेरा साधुवाद एवं शुभकामनाएं। रेल मंत्री ने राष्ट्रपति के संदेश पर प्रसन्नत व्यक्त की। कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का संदेश समस्त रेलपरिवार को प्रोत्साहित करने वाला है। मुझे खुशी है कि आपकी रेलयात्रा का अनुभव सुखद रहा। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि करोड़ों भारतवासियों की सेवा में हम इसी प्रकार जुटे रहेंगे,और सदैव आपका भरोसा बनाये रखेंगे। रामनाथ कोविंद ट्रेन यात्रा के पहले चरण में अपने पैतृक गांव परौंख भी गए थे। उन्होंने स्वयं बताया कि प्रारंभिक शिक्षा के लिए वह झींझक के पास स्थित स्कूल में आते थे। कानपुर के बीएनएसडी से इंटर व डीएवी से स्नातक किया। फिर वकालत की उपाधि लेने के पश्चात उन्होने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की।

वह मोरार जी देसाई सरकार के समय दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे। १९९१ में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष १९९४ में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा लिए निर्वाचित हुए। वर्ष २००० में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। वह लगातार बारह वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। केंद्र में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार गठित होने के कुछ समय बाद उन्हें बिहार राज्यपाल बनाया गया। विगत करीब चार वर्षों से वह देश के राष्ट्रपति है।

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