• मंगलमान पर शुरू हुए रजिस्ट्रेशन, बड़े मंगल पर लखनऊवासी करेंगे ई-भंडारा
  • कल से प्रारम्भ हो रहे ज्येष्ठ के “बड़े मंगल” पर लॉकडाउन के चलते राजधानी के भक्तों के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया ने “ई-भंडारा” की व्यवस्था की है।
  • इसके लिए लखनऊवासियों ने महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया द्वारा प्रेरित mangalman.in वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन भी किये।

‘ई-भंडारा’ के अंतर्गत भंडारा संचालक भक्त ‘मंगलमान वेबसाइट’ पर रेजिस्ट्रेशन कर पास की ही कम्युनिटी किचन में भंडारा सामग्री मंगलमान के कार्यकर्ताओं के सहयोग से दान कर सकेंगे। जिससे उस सामग्री को प्रसाद जरूरतमंद लोगों में वितरित किया जाएगा। इससे जहाँ लॉकडाउन में भी लखनऊ की पुरानी सभ्यता का निर्वहन हो सकेगा वही ई-भंडारा कर भक्तों के प्रसाद भी सही एवं जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुँच सकेगा। मंगलमान समिति की ओर से डॉ राम कुमार जी तो नगर निगम की ओर से अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी को महापौर ने कॉर्डिनेटर नियुक्त किया है।

अभियान के संयोजक डॉ रामकुमार जी ने बताया कि कल प्रारम्भ करने के पश्चात उनके पास सेकड़ो लोगों के फ़ोन आ चुके है, और लोगों ने ई-भंडारा करने में रुचि दिखाई है।

बड़ा मंगल का क्या हैें परम्परा

ज्ञात हो कि लखनऊ की श्रेष्ठ परम्पराओ में से एक पावन परंपरा है- ग्रीष्म काल अर्थात ज्येष्ठ के महीने में पड़ने वाले मंगल को लगने वाले भंडारे है। जिसमे मानव ही क्या पशु पक्षी सभी की आत्मा को तृप्त करने का सामर्थ्य है। लखनऊ वासी इस अवसर पर भंडारा आयोजित करके प्राणी मात्र की सेवा का अवसर पाते है। जेठ का माह प्रारम्भ हो गया है जिसका प्रथम बड़ा मंगल कल यानी 12 मई को है। महापौर संयुक्ता भाटिया ने लखनऊवासियों से इस बार ई-भंडारा करने के लिए अपील भी की थी।

विगत वर्ष मंगल का मान बढ़ाने वाले मंगल के आयोजनों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ कर परंपरा को अधिक सुदृढ़, सशक्त, प्रभावी बनाते हुए इसके ध्वजवाहकों को एक सूत्र में पिरो कर बड़े मंगल के मंगल भाव को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के लिए गतवर्ष लखनऊ के अनेको गणमान्य व्यक्तियों के मार्गदर्शन एवं लखनऊ की मा0 महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया जी के संरक्षण में मंगलमान अभियान को शुभारम्भ किया गया था।

अभियान के प्रथम वर्ष में ही लगभग 1000 भंडारा आयोजकों को प्रत्यक्षतः अभियान से जोड़ा गया और शहर में भंडारों की स्वच्छता एवं व्यवस्था चर्चा का विषय बना। आयोजकों ने भंडारे के बाद स्वच्छता का वीडियो बना कर भी भेजा था। जन सामान्य ने अभियान को सराहा और इसकी आवश्यकता को समय की मांग बताया था। आखिरी मङ्गल आते आते अभियान लखनऊ की सीमाओं से निकलकर आस पास के जिलों तक भी पहुंचा। सभी वर्गों, पंथों, धर्मो के लोगो के मध्य यह अभियान एक अनुकरणीय पहल के रूप में स्थापित हुआ और स्वच्छता एवं पवित्रता का मंगल सन्देश पहुचाने में अभियान सफल हो रहा। आदर्श भण्डारा लगाने वालो का महापौर जी के द्वारा उनके घर पर जाकर सम्मान किया गया था और पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, सेवा जैसे सामाजिक सरोकार से जुड़ कर मङ्गल का मानवर्द्धन करने वाले आयोजकों का सार्वजानिक अभिनन्दन भी किया गया। Mangalman.in में पिछली बार नगर निगम के साथ मिलकर जनता ने नए प्रयोग किया और स्वच्छकता का विशेष ध्यान रखा गया।

महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना था कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई विशेष परिस्थितियों के चलते २०२० के ज्येष्ठ के मंगलो का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। आज की आवश्यकता हर मंगल को बड़ा मंगल और हर दिन को मंगल करने की है। परन्तु लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टैन्सिंग के दिशा-निर्देशों के परिपेक्ष्य में परंपरागत स्वरुप में भंडारों का आयोजन अत्यंत ही दुरूह कार्य है। बड़े मंगलों का लखनऊ में अपना ही महत्व है। नगर निगम के द्वारा सभी ज़ोन्स में चलाये जा रहे कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरुरतमंदो तक भोजन एवं अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण किया जा रहा है। अनेको सामाजिक धार्मिक संस्थाए भी आपदा की इस घडी में सरकारी दिशा निर्देशो का पालन करते हुए यथासंभव प्रयास कर रही है। वर्तमान कठिन समय मे नगर निगम द्वारा संचालित कम्युनिटी किचन के साथ ही अन्य विभागों की कम्युनिटी किचेन के साथ ही सेवा भारती की कम्युनिटी किचन लखनऊ में गरीब लोगों की सेवा में अद्भुत कार्य कर “लखनऊ में कोई भूखा न सोए” इस संकल्प को साकार करने में दिन रात प्रयत्न कर रहे है।

ई-भण्डारा

ऐसे में लॉक डाउन के नियमो का पालन करते हुए बड़े मंगल का त्यौहार कैसे मनाया जाए, इसपर चिंता की है मैंने डॉ रामकुमार जी के साथ ही मंगलमान टीम के साथ विचार विमर्श के उपरांत तय हुआ कि शासन-प्रशासन, आयोजकों-भक्तो एवं वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुए ई-भंडारा अर्थात (Easy, Economic, Environmental friendly, Electronically empowered, Effective Bhandara ) का विकल्प सर्वोत्तम विकल्प है। अतः मैं आयोजकों से ई-भंडारा लगाने का आग्रह करती है क्योंकि आज के समय की आवश्यकता है कि हम ई-भंडारा करे। इसके लिए समस्त भंडारा संचालक mangalman.in पर जाकर निशुल्क Registation करा सकते है, जहाँ उन्हें ई-भंडारा करने की समस्त प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकते है। मा० महापौर ने बताया कि यह सेवा ज्येष्ठ मास के प्रत्येक बड़े मंगल पर उपलब्ध होगी। इसका पूरा विवरण मंगलमान की वेबसाइट (mangalman.in) पर उपलब्ध है।

महापौर ने आगे कहा था कि मंगलमान की वेबसाइट पर ई-भण्डारा क्या है?, ई-भण्डारा कैसे लगाए?, ई-भण्डारा से सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर का सविस्तार लिंक दिया गया है। आयोजकों को चाहिए कि वे वेबसाइट के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा ले। किसी भी प्रकार की अधिक जानकारी के लिए मंगलमान अभियान के संयोजक डॉ रामकुमार जी से 9415755950 अथवा ई-मेल mangalmanlko@gmail.com पर संपर्क कर सकते है। आयोजकों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा जो पूर्णतः निःशुल्क है। आयोजन के लिए पंजीकरण आवश्यक है। आयोजक द्वारा ई-भंडारा का अनुरोध प्राप्त होते ही मंगलमान की और से एक सेवाभावी कार्यकर्त्ता जिसे ई-भंडारा कोऑर्डिनेटर कहते है आयोजक के साथ जुड़ जायेगा। इसकी भूमिका कदम दर कदम सहयोगी की होगी जो आयोजक के साथ मिलकर ई-भंडारे के सफल आयोजन को सुनिश्चित करेगा। उनके द्वारा प्रदान किया गया प्रसाद नगर निगम की देखरेख में नगर निगम एवं सहयोगी संस्थाओं के समन्यवय से जरूरतमंद लोगो के मध्य वितरित करा दिया जायेगा। इससे जहां एक ओर आयोजकों को सुख और संतोष प्राप्त होगा वही दूसरी ओर प्रसाद ग्रहण कर कोटिशः आत्माये तृप्त होंगी। इस प्रकार आयजकों द्वारा भण्डारे के आयोजन का संकल्प पूर्ण होने के साथ-साथ प्रसाद का वितरण उचित एवं प्रभावी तरीके से सीधे उन लोगों तक होगा जिन्हे उसकी सर्वाधिक आवश्यकता है।

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