डॉ दिलीप अग्निहोत्री

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना आपदा के मुकाबले हेतु व्यापक व्यवस्था की है। पूरे प्रदेश में कोविड़ के तीनों लेवल के अस्पताल सक्रिय है,पर्याप्त कोविड बेड की सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश में है। लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रसार ने समस्या बढाई है। प्रदेश सरकार इसके मुकाबले का भी प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भी है कि संक्रमण को हर कीमत पर नियंत्रित करना होगा। इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। सरकार अपना प्रयास करेगी। लेकिन बचाव के दिशा निर्देशों का पालन सभी का कर्तव्य है। क्योंकि समस्या एक सीमा से ज्यादा बढ़ी तो उसी अनुपात में परेशानी भी बढ़ जाएगी। कुछ निजी नर्सिंग होम को भी उपचार की अनुमति प्रदान की गई है। लेकिन यहां का उपचार सबके लिए संभव नहीं हो सकता। ऐसे में बचाव पर आमजन को सजग रहना होगा।

योगी आदित्यनाथ भी प्रतिदिन इस प्रकार की अपील कर रहे है। उन्होंने प्रशासन को भी इस संबन्ध में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है। दो गज दूरी मास्क जरूरी पर अमल का लगातार आग्रह किया जा रहा है।

इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम को कोरोना उपचार की एक एसओपी विकसित करने के निर्देश दिए। मरीजों के उपचार के सम्बन्ध में विकसित इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।इसके अलावा कमांड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर कायम किया जा रहा है। जिससे बीमारी लेवल के अनुरूप उपचार की व्यवस्था की जा सके। इसी के आधार पर पीड़ित को निर्धारित अस्पताल भर्ती कराया जाएगा। इस व्यवस्था से पीड़ित को उपचार मिलने में बिलंब नहीं होगा।

जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग सर्विलांस एम्बुलेंस सेवा, डोर टू डोर सर्वे,कोविड तथा नॉन कोविड अस्पतालों के लिए पृथक टीम बनाकर परस्पर समन्वय के साथ कार्य करेंगे। प्रत्येक टीम का संचालन एक व्यक्ति के नेतृत्व में सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश के प्रत्येक वार्ड में आवश्यक संख्या में सर्वे टीम तैनात की जाएगी। टीम के पास सभी आवश्यक स्वस्थ उपकरण रहेंगे। प्रदेश में लगभग बारह हजार वार्ड हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी में सर्वे करने के निर्देश दिए। कोरोना संदिग्ध मरीज का रैपिड एण्टीजेन टेस्ट हो तथा संक्रमित मरीज को उसकी स्थिति अस्पतालों में भेजा जाएगा। इसके साथ ही शासन द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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