नई दिल्ली: पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों (Terrorists) और आईएसआई (ISI) के आकाओं के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है. लिपा वैली में स्थानीय निवासियों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध शुरू कर दिया है. लिपा वैली आतंकवादियों का एक बड़ा लॉन्च पैड है जहां इस समय भी 20 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ के इंतजार में बैठे हैं. लिपा उन जगहों में से एक है जहां 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने एलओसी पार कर आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंपों पर हमले कर उनको तबाह किया था.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन लॉन्च पैड्स पर जमा आतंकवादियों पर भारतीय सेना हमले करती है और उसमें गांव वालों के जानमाल का नुकसान होता है. उनका आरोप है कि पाकिस्तानी सेना सीमा पार गोलाबारी के लिए उनके घरों का इस्तेमाल करती है. भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में उनके मकान तबाह हो जाते हैं. निवासियों का ये भी कहना है कि आतंकवादियों की लगातार मौजूदगी की वजह से उनके बच्चों पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है.

पीओके के लोग काफी लंबे समय से पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों की मौजूदगी का विरोध करते रहे हैं. कोरोना महामारी की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने पीओके में ही अपने सैनिकों और आतंकवादियों के लिए क्वारंटीन सेंटर्स बनाए थे जिसका पीओके में काफी विरोध हुआ था. हाल में पीओके को लेकर भारत के कड़े रुख से वहां के निवासियों में उत्साह है और वो खुल कर पाकिस्तान के विरोध में सामने आ रहे हैं.

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