दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (29 मई) को दिल्ली के परिवहन विभाग को 10 दिनों के अंदर बिना चिप वाले पीएसवी बिल्ला धारकों के बैंक खातों में 5000 रुपये की राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं. एक एनजीओ ने जनहित याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि परिवहन विभाग पीएसवी बिल्ला धारकों को सहायता राशि के तौर पर 5000 रुपये प्रदान करे.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि COVID-19 महामारी के कारण सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन के कारण होने वाले नुकसान के मुआवजे के रूप में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, और ग्रामीण सेवा वाहन चालकों को 5,000 रुपये का एक बारगी सहायता पैकेज देने की घोषणा की थी.
अदालत ने कहा- ‘परिवहन विभाग ने सहायता पैकेज जारी करने के लिए पहले ही पर्याप्त समय ले लिया है, क्योंकि यह योजना अप्रैल 2020 की शुरुआत में ही घोषित कर दी गई थी और अब मई भी खत्म होने को है. विभाग के पास सभी आवेदनों पर कार्रवाई करने और धनराशि जारी करने के लिए पर्याप्त समय था.’ विभाग को आखिरी मौका देते हुए, अदालत ने उसे 10 दिनों के अंदर पैसा जमा करके मामला निपटाने को कहा है.
इससे पहले, याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा था कि वादे के अनुसार पीएसवी बैज धारकों को सहायता राशि नहीं मिली है, जो वाहन न चलने की वजह से बड़ी कठिनाई का सामना कर रहे थे.
काउंसिल ने कहा था कि परिवहन विभाग को बार-बार कहा गया लेकिन कोई भी सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया और विभाग पीएसवी बिल्ला धारकों जिनके बिल्ले में चिप है और जिनके बिल्ले में चिप नहीं है, उनके बीच भेदभाव कर रहा है. जिसके बाद विभाग को एक नोटिस जारी किया गया, जिसका जवाब देते हुए विभाग ने कहा कि सभी योग्य आवेदकों की पहचान कर ली गई है.
परिवहन विभाग के वकील से पूछा गया कि शेष 4825 व्यक्तियों के खातों में 5,000 रुपये की राशि जमा करके में विभाग को कितना समय लगेगा, तो उन्होंने कहा कि विभाग को 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए.