डॉ दिलीप अग्निहोत्री

अयोध्या जी में श्री रामलला विराजमान मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन ऐतिहासिक घटना होगी। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन में सम्मलित होंगे। पांच शताब्दी बाद यह संजोग बना है। वैसे इसमें भी व्यवधान डालने का प्रयास किया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसको रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी। इसमें कोरोना को अंतिम अस्त्र के रूप में चलाया गया था। कहा गया कि मंदिर निर्माण लिए होने वाला भूमि पूजन कोरोना अनलॉक गाइडलाइन का उल्लंघन है। भूमि पूजन में लोग इकट्ठा होंगे। जो कोविड नियमों के विपरीत होगा। ऐसे में भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगानी चाहिए। इतना ही नहीं बकरीद का भी हवाला दिया गया। कहा गया कि कोरोना संक्रमण के कारण ही बकरीद पर सामूहिक नमाज की इजाजत नहीं दी गई है। इसलिए इस कार्यक्रम को भी रोकना चाहिए। वैसे यह तर्क शरारतपूर्ण था।

भूमिपूजन अयोध्या के एक स्थान पर होना है,जबकि बकरीद या अन्य पर्व पूरे देश में मनाए जाते है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने याचिका को कल्पनाओं पर आधारित बताया। कहा कि कार्यक्रम में शारीरिक दूरी का पालन न करने की आशंका का कोई आधार नहीं है। यह उम्मीद अवश्य की गई कि राज्य सरकार व आयोजक कोविड के कारण फिजिकल डिस्टेंसिंग और इसके सभी प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने पहले ही कहा था कि कार्यक्रम में फिजिकल डिस्सटेसिंग का पालन होगा। भूमि पूजन समारोह में दो सौ से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। राज्य सरकार भी कोरोना दिशा निर्देशों पर अमल के प्रति गम्भीर है।

 

भूमि पूजन की व्यवस्था देखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अयोध्या जी गए। यहां उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक विचार विमर्श किया।।भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की गई। योगी ने श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों और संतों से भी विचार विमर्श किया। इसमें भूमिपूजन समारोह की रूप रेखा पर चर्चा की गई। कोरोना महामारी के दृष्टिगत फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनुपालन का भी सन्देश दिया गया। फिजिकल।डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से ध्यान रखा गया। योगी आदित्यनाथ ने संतों से कहा कि कोरोना महामारी के कारण भूमि पूजन समारोह में सीमित संख्या ही रहेगी। जो लोग सम्मिलित नहीं होंगे उनका भी ध्यान रखने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए समारोह का प्रसारण एलईडी टीवी के माध्यम से लाइव दिखाया जाएगा।

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