सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
इन दिनों देश के ५१ शक्तिपीठो में शामिल माँ अम्बाजी तीर्थस्थान पर प्रसाद के बदले जाने पर बवाल मचा हुआ है , मदिर प्रशाशन ने सालो से वितरित किये जा रहे प्रसाद मोहनथाल की जगह अब प्रसाद में चिक्की वितरित करने का फैसला लिया है जिसपर बवाल के साथ अब राजनीती भी गरमा गई है।
सोमनाथ और फिर तिरुपति में सूखे प्रसाद के वितरण के बाद अंबाजी में मोहनथाल की जगह सूखा प्रसाद चिक्की के वितरण करने पर घमासान मचा हुआ है। देश की 51 शक्तिपीठ में शामिल अंबाजी में मोहनथाल का प्रसाद का वितरण करने के मुद्दे पर जहां कांग्रेस आक्रामक है तो अब बीजेपी के अंदर से भी इस मुद्दे समर्थन के सुर सामने आए हैं।
बीजेपी गुजरात के मीडिया कंवीनर डॉ. यग्नेश दवे ने ट्वीट करके कहा है कि एक ब्राह्मण के रूप में मेरी व्यक्तिगत भावना यह है कि अंबाजी मंदिर में मोहनथाल का प्रसाद जारी रखा जाना चाहिए और चिक्की का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। हलाकि बाद में वो अपनी बात से पलट गए वही अब वीएचपी सहित अन्य हिन्दू संगठनो ने इस मुद्दे पर मंदिर प्रशाशन को ४८ घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है , वही कांग्रेस विधायक ने विधानसभा सत्र में इस विषय पर ११६ के तहत नोटिस देकर चर्चा की मांग की है।
अंबाजी मंदिर में अभी तक भक्तों को बतौर प्रसाद मोहनथाल देने की परंपरा रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से बनासकांठ कलेक्टर के आदेश पर यहां पर मोहनथाल प्रसाद का वितरण बंदकर दिया गया था और भक्तों को सूखी चिक्की बतौर प्रसाद दी जा रही है जिसे लेकर लगातार विरोध के स्वर उठ रहे है।
गौरतलब है की अम्बाजी में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। खुद प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी सहित कई दिग्गज नेताओ की अम्बाजी में आस्था रही है और समय समय पर वो दर्शन करने भी पहुंचे है