डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

बिहार में योगी आदित्यनाथ की चुनाव सभाओं में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। वह विकास और सुशासन के साथ ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे भी उठा रहे है। उत्तर प्रदेश और बिहार की साझी परम्परा का उल्लेख कर रहे है। इसके प्रति सभा में उपस्थित जन समुदाय उत्साह का प्रदर्शन करता है। योगी की प्रत्येक जनसभाओं में यह दृश्य परिलक्षित हो रहा है। वह माता सीता के मायके की चर्चा करते है। अयोध्या में श्री रामलला मंदिर निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त करते है। वह कहते है कि पांच सदियों की प्रतीक्षा नरेंद्र मोदी सरकार के समय में पूरी हुई है। कुछ समय बाद जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के दर्शन का सभी को सौभाग्य मिलेगा। इसी के साथ वह राम जानकी मार्ग का उल्लेख करते है। इसका निर्माण भी मोदी सरकार में संभव हुआ है। इन सभी कार्यों में कांग्रेस और राजद जैसी पार्टियों ने बाधा पैदा की थी। इसी प्रकार इनके विरोध के बाद भी जम्मू कश्मीर में एक विधान एक निशान लागू किया गया। योगी ने राहुल गांधी और ओबीसी पर पाकिस्तान की बोली बोलने का आरोप लगाया। राजद भी इन्हीं की तरह है।

योगी भाषण के दूसरे पहलू में विकास व सुशासन का उल्लेख करते है। वह नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार सरकार की प्रशंसा करते है। इनके प्रयासों से ही बिहार में सुशासन की स्थापना संभव हुई है। जबकि राजद और कांग्रेस ने यहां जंगल राज कायम किया था। इन लोगों ने न तो विकास किया न कोई योजनाओं का क्रियान्यव्यन हुआ सिर्फ घोटाले करते रहे। नरेंद्र मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य कर रही है। कोरोना से लड़ाई के वक्त देश के लिए काम किया और गरीबों और मजदूरों को राहत पहुंचाई गई। नरेंद्र मोदी की मजबूत सरकार ने दस करोड़ से भी अधिक गरीब परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय सुलभ कराया गया है। गरीब परिवारों को तीन करोड़ से भी अधिक आवास,चार करोड़ से अधिक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत पचास करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत देश के बारह करोड़ किसानों को लाभान्वित किया गया है। ऐसे में बिहार को लोग जंगल राज कायम करने वालों के मंसूबे पूरे नहीं होने देंगे। बिहार में पुनः राजग की सरकार बनेगी।

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