डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

 

जब पूरी दुनिया को कोरोनावायरस ने अपने बाहों में जकड़ लिया है और प्रेम की परिभाषा में अब लिंग का कोई मतलब नहीं रह गया है चाहे समान लिंग हो चाहे विपरीत लिंग के लोग हो प्रेम किसी से भी जग किया जा सकता है तो प्रेम का सरूर चढ़ना भी तो जरूरी है और जब कोरोनावायरस की बाहों में व्यक्ति अपने जान से खेल रहा है बहुत तो बेचारे बिना शराब पिए उससे प्रेम करने के कारण मर चुके हैं ऐसे में शराब की दुकान खोलना नितांत आवश्यक है क्योंकि यदि प्रेम को डूबकर नहीं किया गया सुधीर प्रेम का मतलब क्या है और डूबने के लिए जरूरी है कि चाहे नाली में डूब जाए चाहे बिस्तर पर डूब जाइए लेकिन डूब जाइए और डूबने के लिए चुल्लू भर पानी नहीं सिर्फ चुल्लू भर शराबी काफी है और कौन कहता है कि शराब पीना खराब होता है शराब के बिना तो कुछ चल ही नहीं सकता है नादान लोग यह तक नहीं जानते हैं कि एलोपैथी में जितनी भी सिर्फ बनती हैं सभी में अल्कोहल जरूर होता है यही नहीं होम्योपैथी में जितनी भी अर्क तैयार किए जाते हैं सभी में अल्कोहल होता ही है।

अब जब मेडिकल की दुकानें खुल सकती हैं तो वहां की दवाओं में बूंद-बूंद करके मिले अल्कोहल को पीने से तो अच्छा है कि अल्कोहल को ठीक से पीकर पूरी मेडिसिन को ही पेट में उतार लिया जाए अब वह बात बिल्कुल अलग है कि रोज सोने के अंडे दिए जाने वाली कहानी की तरह हाल लालच में लोग मुर्गी का पूरा पेट फाड़कर ज्यादा सोने के अंडे पाने की लालच में मुर्गी को भी मार दे रहे हैं और खुद भी हत्यारे बन रहे हैं जी बिल्कुल यही हो रहा है कि जिस बूंद बूंद शराब से जीवन सुखद हो सकता था और जीवन में एक स्वास्थ्य पूर्ण जीवन की कल्पना की जा सकती थी उसमें स्वास्थ्य की संपूर्णता को लालच में समझते हुए जिस तरह से लोग स्वयं डॉक्टर बनकर शराब की दुकानों के बाहर सीरप की तरह शराब खरीदकर पी रहे हैं और यह महसूस कर रहे हैं कि कल की सुबह में वह बिल्कुल स्वस्थ हो जाएंगे उनके लिए सिर्फ यही कहा जा सकता है कि भैंस के आगे बीन बजाओ भैंस खड़ी पग राय क्योंकि एक शराबी कब मान पाता है कि उसने कुछ गलत किया यही नहीं अगर शराबी शराब पीकर समाज सेवा नहीं करेगा तो उन न्यायालय व अधिवक्ताओं का क्या होगा जो महिला उत्पीड़न के वाद प्रतिवाद को रोज सुनते हैं और उसके माध्यम से अपने जीविकोपार्जन को सुनिश्चित करते हैं अब महिला सम्मान के लिए और समाज महिला के लिए लड़ता है खड़ा होता है उसके न्याय के लिए व्यवस्था करता है इस बात को साबित करने के लिए कहीं से तो फिर से कोई बात प्रारंभ की जाएगी और ऐसे बात को प्रारंभ करने के लिए घरों से बेहतर कौन सी जगह हो सकती है जहां पर एक शराबी व्यक्ति द्वारा घरेलू हिंसा को अंजाम दिया जाएगा.

ऐसा करके वह सिर्फ अपना बलिदान नहीं देगा बल्कि समाज के कितने लोगों को रोटी देना ऐसे योद्धाओं के लिए फूल बरसाए जाने चाहिए क्योंकि वह घर फूंक तमाशा देख वाले सिद्धांत पर चलते हुए कोरोना संक्रमण के समय घर में रोटी तक के लिए तरसते परिवार और बच्चों के बीच वह पैसे का कहीं से भी जुगाड़ करके बच्चों की रोटी छीन कर शराब पीकर अपने परिवार के लिए नहीं समाज के लिए जीना शुरु करेगा क्योंकि अपने लिए जिए तो क्या जिए जीना है तो दूसरों के लिए जिए समाज के लिए जिए और इसीलिए शराब पीना कितना जरूरी है इसको कहने की जरूरत नहीं है बल्कि पहली बार शराब पीने वालों की महानता का बोध हो रहा है उनके त्याग उनके संकल्प की कहानी स्थापित हो रही है कि कैसे एक शराबी संपूर्ण समाज को सरकार को राजस्व देता है ठेके वाले को पैसा देता है न्यायालय पुलिस वकील सभी को रोजगार देता है घरेलू हिंसा में चोट खाए हुए लोगों को डॉक्टर के यहां भेज के डॉक्टर की रोटी का इंतजाम करता है और ऐसे व्यक्ति का सम्मान करने के बजाय यह कहना कि शराब की दुकान खोल कर गलत किया जा रहा है बिल्कुल ही गलत बात है बल्कि ऐसे शराब की दुकान और शराबियों का पूर्ण सम्मान होना चाहिए अच्छे काम करने वाले कोई आसमान से नहीं टपकते हैं वह हमारे ही आसपास हमारे साथ रहते हैं वह बात अलग है कि हम उनको नहीं पहचान पाते हैं और उनको पहचानने के लिए जरूरी है कि वह शराब पीकर सड़कों पर अनाप-शनाप हरकत करें नाली में गिरे पड़े मिले मारपीट करें गाली गलौज करें ताकि समाज के लोगों को पता चल पाए या असली सामाजिक कार्यकर्ता तो यही है जिनको हम लोग देख ही नहीं पा रहे थे इसलिए शराब पीने वालों के प्रति अपना दृष्टिकोण सकारात्मक करते हुए इन लोगों के त्याग संकल्प को महसूस करिए जो इस गंभीर संक्रमण के समय अपने घर परिवार की भ्रष्ट होती।

आर्थिक स्थिति की चिंता करें बिना तेज कैसे चले सरकार के पास कैसे आर्थिक पूर्ति हो सके राजस्व कैसे बढ़े इसके लिए वह अपनी किडनी लीवर सब बर्बाद कर देना चाहते हैं क्योंकि उनके लिए राष्ट्र पहले है उनके लिए अपने घर का कोई महत्व नहीं है उसको वह शराब के लिए कौड़ियों के भाव बेच देंगे क्योंकि इससे अच्छा समय कब आएगा जब आपके पास शराब पीने के लिए अगर पैसा नहीं है तो आपका मकान कौड़ियों के भाव दूसरे खरीद सकें और ऐसे में आपके त्याग को कैसे कमाया जा सकता है एक शराबी अपनी किडनी लीवर घर परिवार बच्चे सब की उपेक्षा करते हुए सिर्फ राष्ट्र को जीने के लिए सामने आया है ऐसे राष्ट्रीय लोगों के लिए निश्चित रूप से पुष्प वर्षा होनी चाहिए यह फूल का भी सौभाग्य होगा कि वह शराबियों के लिए सड़कों पर बिखेरा जाए क्योंकि ऐसे गुमनाम समर्पित लोग आज तक उस फूल ने तो न देखा था ना महसूस किया था इसलिए जो लोग शराब से दूरी बनाए हैं उससे जुड़ते हैं शराबियों को नफरत और घृणा से देखते हैं वह भी राष्ट्र का सहयोग करने के लिए आगे आए और इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है बस अपने आसपास नजर घुमाएगा कहते भी हैं कि जैसी नजर वैसे ही दुनिया दिखाई देने लगती है बस आपको राष्ट्र की सेवा करने के लिए कोई ना कोई ऐसा ठेका दिखाई पड़ जाएगा जहां पर आप अपने पैसे को राष्ट्र में देकर अपनी बर्बादी पर निर्माण की वह आधारशिला रख सकते हैं जैसे मजबूत लकड़ी पानी से भी कर सरकार अपने ऊपर कुकुरमुत्ता को जन्म देती है और उस कुकुरमुत्ता को मशरूम कहकर हम लोग बड़े चाव से खाकर अपनी भूख मिटाते हैं तो क्या आप इस समय रात की भूख नहीं मिटाना चाहते हैं भूखे तो आप भी हैं

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