राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में संस्कृत भाषा के अति प्राचीन ग्रन्थ ‘श्रीगोकर्णपुराणसारः’ के हिन्दी भाषानुवाद का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुराण हमारे भारतीय साहित्य के गौरव ग्रन्थ हैं इसलिए सनातन संस्कृत एवं परम्पराओं के व्यापक प्रचार हेतु यह जरूरी है कि हमारे संस्कृत भाषा के ग्रन्थों को लोक भाषा हिन्दी में उपलब्ध कराया जाय।
इस अवसर पर पुस्तक के सम्पादक एवं गोकर्ण पुराण के महात्म्य को हिन्दी में प्रस्तुत करने वाले नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण में गोकर्ण एक पवित्र नाम के रूप में वर्णित है और गोकर्ण महाबलेश्वर की महिमा को समर्पित गोकर्ण पुराण गोकर्ण क्षेत्र से जुड़ी कथाओं का विपुल संकलन है, जो कि गोकर्ण क्षेत्र के आध्यात्मिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराता है। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक ग्रन्थ का प्रथम बार हिन्दी रूपान्तरण करने का प्रयास किया गया है ताकि आम जनमानस इसके सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व को आसानी से समझ सके।