समाचार डेस्क। मंगलवार को एक बड़ी खबर सामने आई। खबर भी ऐसी की जिसे सुकर आप चौक जायेगें। खबर हैं महात्मा गांधी की परपोती को लेकर। महात्मा गांधी के परपोती पर लगा बड़ा आरोप। महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता राम गोबिन को डरबन की एक अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई हैं।

क्या हैं पूरा मामला

दरसल महात्मा गांधी की परपोती पर उद्योगपति एस आर महाराज के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप हैं।  लता पर आरोप हैं कि एस आर महाराज ने उन्हें भारत में मौजूद एक कंसाइनमेंट के लिए आयात और सीमा शुल्क के तौर पर लगभग 62 लाख रूपए एडवांस में दिए गए थे.  जिसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसमें उन्हें लाभ का एक हिस्सा देने का वादा किया गया था।

अगस्त 2015 का हैं पूरा मामला

लता रामगोबिन प्रसिद्ध अधिकार कार्यकर्ता इला गांधी (Ela Gandhi) और दिवंगत मेवा रामगोबिंद (Mewa Ramgobind) की बेटी हैं. लता रामगोबिन के खिलाफ 2015 में केस की सुनवाई शुरू हुई थी. राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (NPA) के ब्रिगेडियर हंगवानी मुलौदजी ने कहा था कि रामगोबिन संभावित निवेशकों को यह समझाने के लिए कथित रूप से जाली चालान और दस्तावेज प्रदान किए थे कि भारत से लिनन के तीन कंटेनर भेजे जा रहे हैं. उस समय लता रामगोबिन को 50,000 रेंड के मुचलके पर जमानत मिल गई थी. हालांकि, सोमवार को इस मामले में उन्हें दोषी पाया गया और जेल की सजा सुनाई गई.

मशहूर एक्टिविस्ट और महात्मा गांधी की वंशज हैं लता

लता रामगोबिन मशहूर एक्टिविस्ट इला गांधी और दिवंगत मेवा राम गोबिंद की बेटी हैं. लता के ऊपर ये आरोप 2015 में ही लगा था और कोर्ट में इस आरोप की सुनवाई भी 2015 से ही शूरू हो गई थी। तब राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (एनपीए) के ब्रिगेडियर हंगवानी मूलौदजी ने कहा था कि उन्होंने संभावित निवेशकों को यकीन दिलाने के लिए कथित रूप से फर्जी चालान और दस्तावेज दिये थे कि भारत से लिनेन के तीन कंटेनर आ रहे हैं। उस वक्त लता रामगोबिन को 50,000 रैंड की जमानत राशि पर रिहा कर दिया गया था।

 

 

 

 

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