सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात

 

गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाको और समुंद्री रास्तो से लगातार पकड़ी जा रही नशीले पदार्थो की बड़ी खेप से अब ये सवाल बहुत बड़े पैमाने पर पूछा जाने लगा है की क्या क्या ड्रग्स माफियाओ के लिए गुजरात ड्रग्स तस्करी का ट्रांजिट पॉइंट बन चूका है , ये सवाल इसलिए भी जरुरी बन गया है क्यूंकि सौराष्ट्र-कच्छ के समुंद्री रास्तो और तट से पिछले 5 साल में गुजरात एटीएस और कोस्ट गार्ड ने 30,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की

सौराष्ट्र-कच्छ के समुंद्री रस्ते और तटीय इलाके सालो से आपराधिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। चाहे वह बम ब्लास्ट का आरडीएक्स हो, ड्रग्स का काला बाजार हो या फिर आतंकी गतिविधि। सौराष्ट्र-कच्छ के समुंद्री रस्ते और तटीय इलाके भारत में इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कई बार गेट वे बना है। जामखंभालिया के तट से कल 350 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स जब्त की गईं, जो साफ़ साफ़ सौराष्ट्र की तटीय सुरक्षा पर एक बड़ा सवालिया निशान उठाती हैं। पिछले पांच सालों में गुजरात एटीएस और तटरक्षक बल ने 30,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए हैं.

सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया सौराष्ट्र-कच्छ के समुंद्री रास्तो का इस्तेमाल ट्रांजिट प्वाइंट के तौर पर कर रहे हैं.। इसका प्रमाण इस बात से देखा जा सकता है कि पिछले पांच सालो में गुजरात एटीएस और तटरक्षक बल सहित एजेंसियों ने आठ बड़ी खेपों के साथ 30,000 करोड़ रुपये की दवाएं जब्त की हैं. विशेष रूप से, गुजरात के 1600 किमी समुद्र तट पर स्थित 42 बंदरगाहों में से 17 छोटे मोटे बंदरगाह हैं जो कार्गो को संभालते हैं। ऐसे बंदरगाहों पर, अरब देशों से किसी भी अन्य सामान के साथ, हेरोइन या अन्य दवाओं को गुजरात के बंदरगाह पर कंटेनरों में उतार दिया जाता है। गुजरात से परिवहन में यह कंटेनर देश के दक्षिणी या पूर्वी बंदरगाह क्षेत्र की किसी भी फर्म के पास जाता है। इन कंटेनरों को दक्षिण या पूर्व से निर्यात किया जाता है।

कंटेनरों को इस तरह भेज दिया जाता है जैसे कि सामान भारत से निर्यात किया गया हो और इस प्रकार ड्रग्स अलग अलग देश में पहुंचाई जाती है। गुजरात के बंदरगाहों पर निर्यात और आयात का व्यापार जिस तरह से बढ़ा हुआ है ऐसे में सभी कंटेनरों की गहन जाँच करना संभव नहीं है। और इसी बात का फायदा उठाकर सौराष्ट्र के तट को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

सौराष्ट्र-कच्छ तट से 5 साल में जब्त की गई ड्रग्स

10-11-2021
स्थानीय पुलिस के लोकल क्राइम ब्रांच और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने ३५० करोड़ के हेरोइन और ड्रग्स के साथ ३ को गिरफ्तार किया

15-09-2021
डीआरआई ने मुंद्रा बंदरगाह पर निर्यात किये गए टैल्कम पाउडर के नाम पर 21,000 करोड़ रुपये मूल्य की 3000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की। फिलहाल देश भर में जांच चल रही है।

06-01-2021
गुजरात एटीएस और तटरक्षक बल की एक टीम ने छह आरोपियों को 35 किलो हेरोइन के साथ 175 करोड़ रुपये कीमत के जखाऊ से गिरफ्तार किया है.

अप्रैल-2021
मुंद्रा बंदरगाह के पास से आठ पाकिस्तानियों को 3,000 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ पकड़ा गया। पिछले साल हजीरा बंदरगाह से 120 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए गए थे।

मई 2019
जखौ के तट पर अल मादी जहाज से छह पाकिस्तानी नागरिकों को 280 किलोग्राम ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था

27-03-2019
गुजरात एटीएस और कोस्ट गार्ड ने पोरबंदर के पास एक नाव को रोका और 500 करोड़ रुपये की 100 किलोग्राम हेरोइन और 25 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स जब्त की। जिसमें 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

12-08-2018
गुजरात एटीएस टीम ने सलाया के पास एक नाव में हेरोइन की तस्करी के आरोप में पांच लोगों को पकड़ा। इनके पास से 15 करोड़ रुपए कीमत की 8 किलो हेरोइन बरामद की गई है।

जुलाई-2017
कोस्टगार्ड ने बलूचिस्तान से गुजरात जा रहे एक जहाज से 1500 किलो हेरोइन जब्त की।

20-12-2016
मुंद्रा में अदानी बंदरगाह से रवाना हुए एक जहाज से श्रीलंका में 1,200 करोड़ रुपये मूल्य की 800 किलोग्राम कोकीन जब्त की गई। यह खेप गांधीधाम की टिम्बर फर्म के नाम पर थी और जहाज सऊदी अरब से भारत आया था।

गुजरात एटीएस ने हाल ही में द्वारका के तट से ड्रग्स को जब्त किया था और इसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये थी। ये सब चीजें सौराष्ट्र के तट को खतरनाक बना रही हैं। ये बातें गुजरात सरकार के लिए सिरदर्द मानी जा सकती हैं. सौराष्ट्र के तट को तस्करों के लिए भारत और गुजरात में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए गेटवे ऑफ गुजरात के रूप में जाना जाता है।२६/११ हमलो के लिए आतंकियों ने सौराष्ट्र के समुंद्री रास्तो का इस्तेमाल किया था। जिसमें आतंकी हथियारों के साथ कुबेर नाम की नाव पर सवार होकर मुंबई में घुस गए और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसके अलावा मुंबई में दाऊद के दबदबे के दौरान मम्मूमिया जैसे देशद्रोहियों ने विस्फोटों को अंजाम देने के लिए पोरबंदर के पास गोसाबारा में आरडीएक्स की जमीन उतार दी थी। सौराष्ट्र के तट पर बना पहला ज्योतिर्लिंग सेमनाथ महादेव मंदिर कई बार आतंकियों की हिट लिस्ट में रहा है।

महज ५५ दिनों में ही ५७५६ किलो ड्रग्स की बरामदगी , ५८ केसो में ९० आरोपियों की गिरफ्तारी की बात तो खुद गृह मंत्रालय कर रहा है , पिछले पांच महीनो में ही २४८०० किलो और पिछले ५ सालो में ३०००० करोड़ की ड्रग्स का पकड़ा जाना कोई छोटी बात नहीं है और ये आकड़े तो सिर्फ वो है जो सरकारी फाइलों में दर्ज है इसके अलावा और ना जाने कितने करोडो की ड्रग्स पुलिस की नज़रो से छिपाकर भारत और दूसरे देशो में पहुंचाई भी जा चुकी है तो सवाल लाज़मी है की क्या गुजरात ड्रग माफियाओ के लिए नशे के कारोबार का ट्रांजिट पॉइंट बन गया है

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