समाचार डेस्क- कभी वे डरकर चुप हो गईं, कभी उन्होंने बदनामी की वजह से मुंह नहीं खोला, कभी उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या करना चाहिए, लेकिन, अब ऐसा नहीं है. अब टीनएजर से लेकर हर एज ग्रुप के पास सोशल मीडिया रूपी हथियार है जहां वे खुद पर हुए अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. बॉयज लॉकर रूम के बाद ऐसे ही छात्राओं का सोशल मीडिया पर चैट वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने एक टीचर पर संगीन आरोप लगायी हैं.

एक प्राइवेट इंस्टाग्राम ग्रुप में लड़के और लड़कियों दोनों ने अपनी-अपनी दास्तां बताई है कि किस तरह यह शिक्षक पिछले 5 सालों से बच्चों का यौन शोषण करता आ रहा है. यह घटना नवी मुंबई के एक सीबीएसई स्कूल के वर्तमान और पूर्व छात्रों और उनके शिक्षक के बारे में है. दिल्ली के बॉयज लॉकर रूम केस के बाद सोशल मीडिया पर ‘रेप कल्चर’ चर्चा में है. लोग सोशल ग्रुप्स पर अपने साथ हुए अनुभवों को साझा कर रहे हैं. ऐसा ही एक ग्रुप नवी मुंबई के एक सीबीएसई स्कूल के वर्तमान और पूर्व छात्रों ने भी बनाया है, जहां उन्होंने एक शिक्षक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. लड़के और लड़कियों दोनों ने अपनी-अपनी दास्तां बताई है कि किस तरह यह शिक्षक पिछले 5 सालों से बच्चों का यौन शोषण करता आ रहा है.

ये आरोप एक प्राइवेट इंस्टाग्राम चैट पर लगाए गए हैं. इसके बाद दो पूर्व छात्रों ने स्कूल प्रशासन को ई-मेल के जरिए एक औपचारिक शिकायत भेजी है. ग्रुप चैट में इन स्टूडेंट्स की बातचीत आरोपी टीचर की बेहद घिनौनी तस्वीर पेश कर रही है. लड़कियों ने बताया कि कैसे वह टीचर उनकी ब्रा और स्कर्ट को लेकर कॉमेंट करता था. एक छात्र ने बताया कि कैसे आरोपी टीचर लड़कों को भी नहीं छोड़ता था और एक बार उसके प्राइवेट पार्ट को पकड़ लिया था.

एक लड़की ने बताया, ‘कई दफा वह मेरी ब्रा की ओर इशारा करता और कहता कि इसका साइज काफी बड़ा हो गया है.’ एक अन्य लड़की ने बताया कि बारिश में मैं बुरी तरह भीग गई थी और अपने दोस्तों के आने का इंतजार कर रही थी. इतनी देर में वह टीचर पास से गुजरा और बोला कि ये क्या काला-पीला पहनकर (इशारा उसका मेरी ब्रा के कलर की तरफ था) आई हो.

प्राइवेट ग्रुप में इस तरह की चैट की जानकारी मिलने पर आरोपी टीचर ने इन सभी को पुलिस कार्रवाई की धमकी दी है. टीचर ने मिरर को बताया कि उसने पुलिस में शिकायत दी है. हालांकि जिस थाने का उसने जिक्र किया वहां के सीनियर इंस्पेक्टर ने इससे साफ इनकार किया है. आरोपी टीचर ने इन स्टूडेंट्स की शिकायत करने की टाइमिंग पर ही सवाल उठाए हैं. उसने कहा, ‘हो सकता है मैंने कभी कुछ गलत बोला हो. आप खुद कल्पना करिए कि कोई लड़की बारिश में भीगी हो और उसकी गहरे रंग की ब्रा दिख रही हो तो ये देखने में खराब लगता है ना…! कुछ बातें हैं जो मुझे नहीं पसंद आतीं. लेकिन ये आरोप अब क्यों लगाए जा रहे हैं. यह सालों पहले की बात है. उन्होंने तब अपने पैरंट्स को क्यों नहीं बताया? वह उसी वक्त मुझसे बहस कर सकती थीं, थप्पड़ मार सकती थीं.’ इस बीच स्कूल ने इन शिकायतों का संज्ञान लिया है और आरोपी टीचर के खिलाफ यौन शोषण रोकथाम कमिटी जांच कर रही है. प्रिंसिपल ने कहा कि उन्हें दो ई-मेल मिले हैं.

क्या है बॉयज लॉकर रूम

इंस्टाग्राम ऐप पर ग्रुप बनाकर लड़कियों के बारे में अश्लील बातें करने वाले नाबालिग छात्रों पर पुलिस का शिकंजा कसना शुरू हो चुका है. इनमें से एक को पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में लिया. ग्रुप से जुड़े बाकी करीब 21 लड़कों की भी पहचान हो चुकी है. उन सभी से पूछताछ होगी.

क्या है और कब शुरू हुआ मी टू

मीटू आंदोलन की असल शुरुआत तो 2006 में हुई थी, लेकिन यह प्रचलन में आया अक्टूबर 2017 में. 2006 का किस्सा बताने से पहले हम आपको 2017 का मामला बताएंगे. 16 अक्टूबर 2017 की दोपहर अमेरिकी एक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने यौन हमले और उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने #MeToo का इस्तेमाल किया. एलिसा के इस ट्वीट का असर यह हुआ कि दिन खत्म होते-होते #MeToo के साथ दो लाख से ज़्यादा ट्वीट किए गए और 17 अक्टूबर तक 5 लाख से ज़्यादा ट्वीट हो चुके थे. 25 सितंबर 2018 के बाद से यौन उत्पीड़न की शिकार हुईं ढेर सारी भारतीय महिलाएं सोशल मीडिया पर हैशटैग #MeToo के साथ अपनी कहानियां बयां करने लगीं.

यह महिलाओं पर होने वाले यौन उत्पीड़न, शोषण और बलात्कार के खिलाफ आंदोलन है, जिसमें महिलाएं #MeToo हैशटैग के साथ अपनी कहानियां बता रही हैं. वे बता रही हैं कि उनकी ज़िंदगी में कब किसी प्रभावशाली या उनके करीबी शख्स ने उनका यौन उत्पीड़न किया. #MeToo के साथ महिलाएं ताज़ा मामलों से लेकर दशकों पुराने मामले सामने ला रही हैं कि किस तरह उन्हें प्रभाव या शारीरिक ताकत से मजबूर करके उनका यौन उत्पीड़न किया गया.

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