शहबाज का बनाया हेल्थ बैंड करेगा कोरोना संक्रामित की पहचान
मेरठ। कोराना वायरस संक्रामित की पहचान करने में एमआईटी मेरठ के बीटेक छात्र शहबाज खान का बनाया हेल्थ बैंड वरदान साबित होगा। शहबाज का बनाया हेल्थ बैंड कोरोना संक्रामित के सांस लेने में तकलीफ होने पर उसका ब्लड आक्सीजन लेवल तो बताएगा ही साथ ही शरीर के तापमान की जानकारी भी दूर बैठे डाक्टर व परिजनों तक पहुंचा देगा। इससे संक्रमण की पहचान के साथ रोगी का इलाज भी तुरंत शुरू हो जाएगा। गुरुवार को शहबाज ने एकेटीयू की ओर से आयोजित आईडियाथन चैंलेज में शहबाज ने जब अपना प्रोटाटाइप प्रस्तुत किया तो कुलपति एकेटीयू विनय पाठक,आईआईटी शिक्षकों ने उसकी जमकर तारीफ की।
शहबाज ने बताया कि उसके बनाए हेल्थ बैंड में ब्लड आक्सीजन, हार्ट रेट, वाटर लेवल समेत बुखार नापने की तकनीक भी मौजूद हैं, जो अब तक किसी भी बैंड में मौजूद नहीं है। हेल्थ बैंड एक कम्पयूटर से कनेक्ट होता है। इसे मोबाइल पर भी कनेक्ट कर सकते हैं। शरीर का तापमान बढ़ने या ब्लड आक्सीजन कम होने पर कम्प्यूटर या मोबाइल के जरिए परिजनों को पता चल जाएगा कि बैंड पहने व्यक्ति को बुखार है। कोरोना संक्रमित मरीज पता लगने में 14 दिन लगते हैं। ऐसे में शक होने पर यह बैंड उसको पहना दिया जाए तो उसकी शरीर का तापमान रोज पता लगाया जा सकेगा, या फिर सांस लेने में दिक्कत होने पर ब्लड आक्सीजन कम होना शुरू हो जाएगा। इससे हम तुरंत उस तक इलाज पहुंचा सकते हैं।
कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती रिवर्स इकॉनोमी को जन्म दे रही है। इस रिवर्स इकॉनोमी से भारत को निश्चित ही लाभ मिलेगा और मेन्युफेक्चारिंग इडस्ट्री में कई गुना की वृद्धि होगी। साथ ही छात्रों की नई तकनीकी विश्व में पहचान दिलाएंगी।