Total Samachar समावेशी,विकास को गति प्रदान करने वाला बजट

0
91

राकेश कुमार मिश्रा,अर्थशास्त्री

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2023- 2024 संसद में पेश किया। इस बजट को एक समावेशी, विकास को गति प्रदान करने वाला बजट कहा जा सकता है जिसमें अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ साथ समाज के सभी लोगों को कुछ न कुछ राहत देने का संकल्प भी दिखता है। अधोसंरचना के विकास पर दस लाख करोड़ का आवंटन सराहनीय है जो पिछले बजट में 7.5 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ का आवंटन भी रेलवे के विकास एवं आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है जिसका लाभ अर्थव्यवस्था के साथ साथ सामान्य नागरिकों को ही मिलेगा।

महत्वपूर्ण यह है कि रेलवे द्वारा 75 हजार करोड़ रुपये का व्यय नई परियोजनाओं पर किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना का आवंटन 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है जो इस बात का सूचक है कि सरकार सभी को छत के अपने लक्ष्य के प्रति कितनी गंभीर है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचाने की अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाने का कदम भी महत्वपूर्ण है जो कमजोर तबकों के लिए एक बड़ी राहत रही है। करोना से मुक्ति एवं अर्थव्यवस्था के मजबूती के साथ वापसी करने के बावजूद मुफ्त अनाज योजना का विस्तार।

यह भी बताता है कि सरकार की नजर चुनावों पर भी है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गठकरी ने जैसा कहा कि पहली बार मध्यम आय वर्ग को भी राहत देने की पहल इस बजट में की गई है। व्यक्तिगत आय कर में महत्वपूर्ण बदलाव करके लोगों को करों में राहत प्रदान की गई है। 7 लाख रुपये तक की आय करमुक्त होगी जो पहले 5 लाख थी। नई कर व्यवस्था जिसका विकल्प दो वर्ष पूर्व दिया गया था उसे ही प्रमुख कर व्यवस्था के रूप में मान्यता देते हुए कर ढांचे एवं स्लैब में परिवर्तन किए गए हैं जिससे 15लाख रुपये तक सालाना आय वालों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की गई है। नई कर व्यवस्था में तीन लाख तक की आय करमुक्त होगी। 3 से 6 लाख तक आय पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख तक 10प्रतिशत, 9 से12 लाख तक 15प्रतिशत, 12 से15 लाख तक 20 प्रतिशत एवं 15 लाख से अधिक पर 30प्रतिशत कर देना होगा। करदाता को छूट का लाभ देने वाली पुरानी कर प्रणाली का भी विकल्प उपलब्ध रहेगा जिसके लिए उसे अपना विकल्प घोषित करना होगा। पुरानी कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं है।

सरकार यह चाहती है कि अधिकतम करदाता नई कर व्यवस्था से जुड़े जो सरल एवं छूटों की जटिलताओं से मुक्त है। सरकार की सोच है कि लोगों की व्यय योग्य आय अधिक हो और कर बचाने के लिए उन पर बचत का दबाव न रहे। एक निश्चित कर अदा करने के बाद शेष आय के व्यय या विनियोग के निर्णय लेने के लिए लोग स्वतंत्र हों। वित्त मंत्री ने वर्तमान वर्ष में सात प्रतिशत एवं 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर रहने की बात कही। राजकोषीय घाटा 2023 में 6.4प्रतिशत रहेगा जो निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है। 2024 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.8प्रतिशत है जिसे 2025 में 4.5 प्रतिशत तक रखने की मंशा वित्त मंत्री ने जाहिर की। यह सराहनीय है कि सरकार विषम परिस्थितियों में भी राजकोषीय अनुशासन के प्रति गम्भीर है। विपक्ष की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप ही हैं परन्तु अनेक कर विशेषज्ञों, उद्योग वाणिज्य जगत के लोगों एवं सामान्य जन मानस ने बजट की भरपूर सराहना की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here