• दीपांकार शुक्ला, वित्त नियंत्रक, प्रयागराज विकास प्राधिकरण और देवी प्रसाद, संयुक्त निदेशक कोषागार निदेशालय निलंबित.
  • हरदोई जनपद की ट्रेजरी में हुए क़रीब 3 करोड़ से ज्यादा के पेंशन घोटाले के बाद अन्य जनपदों की भी जांच जरूरी, मामला गम्भीर,बड़ी रकम के गबन की सम्भावना से इंकार नहीं, वित्तीय अनियमितता से गबन की सम्भावना गहरायी.
 
लखनऊ : लाकडाउन के दरम्यान सीमित मात्रा में चल रहे सरकारी कामकाज के बीच शासन के वित्त विभाग का वो आदेश सूबे में तैनात वित्त सेवा के अधिकारियों के बीच खलबली का कारण बन गया जिसके तहत वर्ष 2010 से 2017 तक की अवधि में वरिष्ठ कोषाधिकारी हरदोई के पद पर काम कर चुके  दीपांकर शुक्ला,वित्त नियंत्रक,प्रयाग राज विकास प्राधिकरण और देवी प्रसाद,संयुक्त निदेशक,कोषागार निदेशालय  जैसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
दरअसल मामला प्रदेश के कोषागारों में फर्जी पीपीओ के सहारे पेंशन की अवैध निकासी करके करोड़ों रुपये के सरकारी धन का गबन किये जाने से जुड़ा है. जिसके सम्बन्ध में सूबे के कोषागार निदेशालय ने 18 मार्च 2020 को मण्डलों में तैनात समस्त अपर निदेशकों का यही प्रकरण था जिसमें वर्ष  2009 से 2015 तक ट्रेजरी के पेंशन साफ्टवेयर में फर्जी पीपीओ की इन्ट्री करके ऐसे लोगों के खातों में पेंशन की रकम भेज दी गई थी जो कि पेंशनर थे ही नहीं. चर्चा तो यहाँ तक है कि यह खेल उससे भी पहले से होते रहने की प्रबल संभावना है लेकिन शासन और कोषागार निदेशालय फिलहाल उतनी ही कार्यवाही कर रहा है जितना कि तथ्य सामने आ चुके हैं.
बताते चलें कि इसके पहले बदायूं ट्रेजरी में भी स्टाम्प घोटाले के बाद यह दूसरा धमाका है जिसमें अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने कड़ी कार्यवाही किया है. यदि इस प्रकरण में निष्पक्ष व गहराई से जांच होगी तो पेंशन घोटाले का यह मामला काफी बड़ा और प्रदेशव्यापी हो सकता है. फिलहाल दोनो अधिकारियों पर लगे आरोप की जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है.  अब वन विभाग के वित्त नियंत्रक आलोक कुमार अग्रवाल इसकी जांच करेंगे.

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