रिपोर्ट- केयूर ठक्कर, गुजरात
गुजरात एटीएस ने पूर्व आईपीएस अधिकारी को बदनाम करने के लिए झूठा हलफनामा वायरल करने वाले दो पत्रकारों और एक नेता सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये पूरी साजिश आईपीएस अधिकारी से ८ करोड़ की रंगदारी वसूलने के लिए रची गई थी।
दरअसल पिछले दिनों पत्रकार जगत और सोशल मीडिया में एक एफिडेविट वायरल हुई थी जिसमे पूर्व आईपीएस सहित कई पुलिस वालो पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था जिसकी जांच का जिम्मा संभाल रही एटीएस ने इस पुरे मामले में ५ लोगो को गिरफ्तार कर खुलासा किया है की ये पूरी साजिश एक लोकल नेता के कहने पर गांधीनगर के पेथापुर पुलिस थाने में दर्ज बलात्कार के एक मामले को आधार बनाकर रची गई और इसके पीछे का मकसद पूर्व आईपीएस से ८ करोड़ की रंगदारी वसूलने का था.
इस मांमले में गांधीनगर के पेथापुर थाने में इस्माइल के खिलाफ शिकायत दर्ज करनेवाली बलात्कार की पीड़िता स्थानीय नेता जी के प्रजापति के संपर्क में आयी थी युवती ने जीके को बताया था की चांदखेड़ा इलाके में इस्माइल ने जिस बंगले में उसके साथ बलात्कार किया था वहा उसने एक ४५ साल के युवक को बड़ा पुलिस अधिकारी कहकर मिलवाया था , इसके बाद जीके ने युवती का संपर्क सूरत के उसके साथी हरेश जाधव से करवाया, दोनों ने युवती को लव जिहाद के तहत और पुलिस का नाम शामिल कर न्याय दिलाने का झांसा दिया, हरेश के साथ उसका साथी महेंद्र परमार भी इसमें शामिल हो गया इन दोनों ने पत्रकार आशुतोष पंड्या और कार्तिक जानी को भी रंगदारी के इस कांड में शामिल कर लिया ताकि वो मीडिया में प्रचार का डर दिखा सके इसके लिए उन्होंने ५ लाख रूपये भी लिए।
इन सभी ने युवती पर दबाव बनाकर मजिस्ट्रेट के सामने हलफनामा दर्ज करने के दौरान अधिकारी का नाम नहीं लिखवाया ताकि बाद में जरुरत के मुताबिक नाम जोड़ा जा सके और इन्होने ऐसा ही किया बाद में अपनी मर्जी से हलफनामे में कुछ लाइन्स और अधिकारियो के नाम जोड़ दिए गए