आज महाविद्यालय में आधुनिक भारत के प्रमुख शिल्पकार तथा भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेड़कर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धाँजली सभा का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में आज प्राचार्य का दायित्व निभा रहे डाॅ राजीव शुक्ला ने डॉ भीमराव अम्बेड़कर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

हिन्दी विभाग के एसोशिये प्रोफेसर डॉ ब्रजेश श्रीवास्तव जी ने बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को नमन करते हुए उन्हे भारतीय संविधान का निर्माता बताया साथ महात्मा गाँधी के साथ विरोधाभास के बावजूद अच्छे सम्बंधों को भी छात्रों को बताया। प्राचीन इतिहास विभाग के डाॅ नरेन्द्र सिंह ने बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेड़कर को भारतीय संविधान का निर्माता व आधुनिक भारत का प्रमुख शिल्पकार बताया साथ ही अर्थशास्त्र में डाॅ अम्बेडकर के योगदान के बारे में छात्रों को अवगत कराया।

डॉ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि 1917 में विदेश से अर्थशास्त्र में पी एचडी की उपाधि पाने वाले डाॅ भीमराव अम्बेड़कर पहले भारतीय थे,डॉ सिंह ने आश्चर्य व्यक्त किया कि बाबा साहब डाॅ अम्बेड़र के द्वारा लिखित ग्रंथ- The problem of rupee : it’s origon and solutions, Administration and Finance in East India company, Provincial Finance in British India history of Economics, History of Indian Currency and Banking, The small Holding in India आदि विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ ब्रिटेन,अमेरिका,आस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका सहित तमाम देशों के विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों में अर्थशास्त्र व मैनेजमेंट विषय के रूप में पढाये जाते हैं जबकि भारत में उनके ग्रंथों को क्यों नही पढाये जाता है,उन्होने ये भी बताया कि बाबा साहब डाॅ अम्बेडकर के इन्ही ग्रंथों के आधार पर भारत में रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया, वित्त आयोग जैसी संस्थाऐंं बनी,कृषि,नदी घाटी परियोजनाऐं,बिजली के लिए भाखडा नाँगल तथा रिहन्द बाँध का निर्माण भी डॉ अम्बेडकर की ही देन हैं।

कार्यक्रम में महाविद्यलय के शिक्षक डॉ दीप किशोर श्रीवास्तव, डॉ एस के त्रिपाठी, डॉ अमित वर्धन, डॉ ध्रुव त्रिपाठी, डॉ आलोक भारद्वाज, डॉ मोहम्मद हनीफ, डॉ सहादत हुसैन, डॉ जितेंद्र पाल, डॉ ममता भटनागर डॉ उषा देवी , बडी संख्या में छात्र छात्राऐं तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी मोजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षा विभा के एसोशिएट प्रोफेसर डाॅ रमेश कुमार यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ बृज भूषण यादव ने किया। शिक्षा शास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ संजय सिंह यादव ने राष्ट्रगान कराके कार्यक्रम समाप्त करने की घोषणा की।

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