रिपोर्ट -डॉ दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल की चंडीगढ़ यात्रा शैक्षणिक द्रष्टि से महत्वपूर्ण रही.पहले दिन.उन्होंने श्रेष्ठ रैंकिग वाले उच्च शिक्षण संस्थानों का निरिक्षण किया था .उनके साथ उत्तर प्रदेश के नौ कुलपति भी थे. राज्यपाल का निर्देश था कि कुलपति यहां के शिक्षण संस्थानों की विशेषता को देखे ,समझें इसको उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में लागू करें .जिससे उनकी रैंकिग में भी सुधार हो.इसके द्रष्टिगत आनन्दी बेन उत्तर प्रदेश के कुलपतियों को समय समय पर निर्देशित करती रहीं है .वह विश्वविद्यालयों के प्रेजेंटेशन का भी अवलोकन करती है ,उन्हें सुधार का निर्देश भी देती है .कुलपतियों को वहाँ ले जाने का यह उद्देश्य भी था .इसके अलावा राज्यपाल ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को भी संबोधित किया था .उन्होंने कुलपतियों के साथ पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ का भ्रमण किया। वहाँ के विभागों और छात्रावासों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय की व्यवस्था,एल्युमनी हाउस,बॉटेनिकल गार्डन, होटल मैनेजमेंट,शोध प्रयोगशालाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर पुस्तकालय छात्रावास और शूटिंग रेंज सहित विभिन्न परिसरों का अवलोकन किया।

केन्द्रीय अन्वेषण केंद्र पर स्थापित तीन प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपना कार्य विश्वविद्यालय तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि अपने शोध एवं नवाचार का लाभ सुदूर ग्रामीण अंचल की जनता तक प्राथमिकता से पहुंचाना भी उनका दायित्व है। शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने शैक्षणिक कार्यों के साथ ही समाज कल्याण के कार्यों में भी सक्रिय रूप से योगदान दें। अनुसंधान और बुनियादी ढांचे को जनसामान्य के लिए विकसित कर लागू किया जाना आवश्यक होगा, क्योंकि शिक्षा समाज की सेवा के लिए ही होती है।

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों को विकास की आधारभूत इकाई आंगनबाड़ी केन्दों तथा ग्राम पंचायतों से संवाद स्थापित कर विकास कार्यों को गति देना चाहिए।

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